क्यों टिक टोक को बैन करना चाहिए।

मद्रास हाईकोर्ट ने गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया से अर्जी लगाई थी की टिक टोक को बैन करना चाहिए क्यों की टिक टोक पर एडल्ट कंटेंट है जो की देश के नाबालिकों के लिए ठीक नहीं है । देश का अधिकांश युवा जो की टिक टोक पर एक्टिव है वो सब ही एग्री करते ही होंगे की टिक टोक पर अश्लील वीडियो अपलोड किए जाते हैं वो भी चंद फॉलरस के लिए ।
कुछ जवाब उन सबके लिए जो ये बोलते हैं कि टिक टोक पर अश्लील कंटेंट नहीं है आपको गजेंद्र भैया का ‘इसमें तेरा घटा ‘ वाला सांग तो याद ही होगा क्या वो भी अश्लीलता नही है ।और क्या टैलेंट दिखा रहे हो भाई टिक टोक पर आधा नंगा डांस करके ,कमर मटका के , कमरे में बंद होकर वीडियोस बनाना कोई टैलेंट नहीं होता अगर ये टैलेंट होता तो मिया खलीफा आज दुनिया की सबसे बड़ी सुपर स्टार होती और अधनंगे वीडियोस बनने वाले अपना टैलेंट अपने मां बाप को दिखने से बचते नहीं।

आखिरी पलों में ज़िन्दगी।

थोड़ा गंभीर हो कर सोचे तो लगता है कि इंसान की ज़िन्दगी एक लिखी हुई कहानी ही तो है जो हर पल एक नए अहसास से भरी हुई है और इंसान खुद उस कहानी का हीरो है । मजे की बात तो यह है कि ज़िन्दगी की कहानी में इमोशन लव ड्रामा सब ही कुछ है ऐसी ही मेरी भी कहानी है जब सुबह सुबह स्कूल जाना फिर छुट्टी का इंतेजार करना घर पहुच कर दोस्तों के साथ मीलों साइकिल से चक्कर लगाना किसी ने सही ही कहा है कि समय का पहैया कभी नहीं रुकता और वही हुआ अचानक से समय काफी बदल चुका था अब कोई दोस्त शाम को साइकिल चलने के लिए आवाजे नहीं देता।अब वह समय आ गया था की मेरी आँखों में सपनों से भरी हुई थी। यह समय वह था जब ज़िन्दगी रोज एक नया मोड़ लेती थी कभी एडवेंचर के नाम पर ऊँचे ऊँचे पहाड़ो को चढ़ना तो कभी फिल्मो वाला प्यार। ज़िन्दगी के सफर में थोड़ा और आगे बढे तो कन्धों पर जिम्मेदारिया आ गईं थीं वो जिम्मेदारियां ही शायद मेरी ज़िन्दगी का असली मकसद थीं । इन जिम्मेदारियो को निभाते निभाते मैं अपनी पूरी उम्र जी चूका हूं। और डॉक्टरों के बीच में आखिरी सासे ले रही है और सोच रहा हूँ की क्या वाकई में ज़िन्दगी एक पहले से ही लिखी हुई कहानी है?

#metoo Vs publicity

हैशटैग मी टू की शुरुवात अमेरिका में हुई थी ।जिसमें महिलाएं अपने ऊपर अत्याचारों को सोशल मीडिया पर डाल कर आरोपी का राज खोलतीं थीं। #meetoo आज देश दुनिया के कई देशों में हो तेज़ी से प्रचलित हो रहा है। जिसका असर अब भारत में भी पड़ा है ।सन 2017 में नाना पाटेकर के बाद टीवी कलाकार आलोक नाथ लेखक पत्रकार और नेता रहे एमजे अकबर कैलाश खेर फिल्म डायरेक्टर साजिद खान जैसी कई मशहूर हस्तियां भी इसकी चपेट में आ गई हैं। वैसे तो नारी संसार का सारे नारी है इसके बिना दुनिया चलना असंभव सा है ।इसलिए हमें नारी की इज्जत करनी चाहिए नारी एक मां है एक बहन है एक पत्नी है पर आज समाज में देखा जा रहा है की महिलाएं अपनी प्रसिद्धि के लिए आरोप-प्रत्यारोप करती हैं। जितने भी महिलाओ ने हैशटैग भी दो के तहत आरोप लगाए हैं ।चाहे वे फिल्म जगत से हो या पत्रकारिता से संबंधित आज उनकी प्रसिद्धि बहुत ही कम रह गई है। वे अपनी प्रसिद्धि के लिए लोगों पर आरोप लगा सकते हैं ।इसलिए किसी को भी आरोपी कोशिश करने से पहले अच्छी तरह से कार्रवाई होनी चाहिए।

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